Hindi Poems On Water | जल-पानी पर कविता | पानी बचाएं Best 2023

दोस्तों आज हम hindi poems on water याने की जल-पानी कविता में जल का महत्व के साथ साथ जल को कैसे बचाना है ये इस कविता में जानेंगे क्यों कि जल ही जीवन है ये हमेशा याद रखना |

जल की धारा जब बहती है तो सभी तरफ पानी पानी हो जाता है और मानो जैसे खुशियां आयी हो ऐसा है जल का महत्व हमारे जीवन में |

जल को हम सब कैसे बचाये? हमारे जीवन में जल का क्या स्थान है? ये सब आपको इस poem on water in hindi कविता के माध्यम से जानने को मिलेगा |

Water poems in hindi – जल की यह धारा बहती जाये

 

बहती जाये बहती जाये,

जल की यह धारा बहती जाये..!

कभी धारा ये रुक ना पाये,

घर घर जाये खुशियाँ लाये..!

कोई भी जल की कमी न पाये,

सबको है ये मिलति जाये..!

कोई भी प्यासा रहे न इससे,

सबकी है ये प्यास बुझाए..!

बहती जाये बहती जाये,

जल की यह धारा बहती जाये..!

खेत खलियानो में भी जाये,

हरा भरा ये खेत कर जाये..!

कमी न हो ऐसा अनाज उगाए,

कोई भी भूखा रह न पाए..!

खट्टे-मीठे फल उगाए,

छोटे बच्चे उसको खाये..!

बहती जाये बहती जाये,

जल की यह धारा बहती जाये..!

जल का बड़ा तालाब बनाये,

कोई भी पानी की कमी न पाये..!

ऊपर काले मेघ बनाये,

जल बनके धरती पे आये..!

जल से धरती फिरसे महकाये,

सभी जिव खुश हो जाये..!

बहती जाये बहती जाये,

जल की यह धारा बहती जाये..!

Best poems in hindi on water

 

Bahti jaye bahti jaye,

Jal ki ye dhara behti jaye..!

Kabhi dhara ye ruk na paye,

Ghar ghar jaye khushiyan laye..!

Koi bhi jal ki kami na paye,

Sabko hai ye milti jaye..!

Koi bhi pyasa rahe na isse,

Sabki hai ye pyas buzaye..!

Bahti jaye bahti jaye,

Jal ki yeh dhara behti jaye..!

Khet khaliyano me bhi jaye,

Hara bhara ye khet kar jaye..!

Kami na ho aisa anaj ugaye,

Koi bhi bhukha reh na paye..!

Khatte-mithhe phal ugaye,

Chhote bacche usko khaye..!

Bahti jaye bahti jaye,

Jal ki yeh dhara behti jaye..!

Jal ka bada talab banaye,

Koi bhi pani ki kami na paye..!

Upar kale megh banaye,

Jal banke dharti pe aaye..!

Jal se dharti firse mahkaye,

Sabhi jiv khush ho jaye..!

Bahti jaye bahti jaye,

Jal ki yeh dhara behti jaye..!

Poem on save water in hindi – जल संरक्षण पर कविता

 

आओ बच्चों हम सिख जाये,

पानी को हम कैसे बचाये..!

जब भी बारिश का मौसम आये,

गाँव-शहर गड्ढे बनवाये..!

जब भी बहुत बारिश हो जाये,

संचय उसका गड्ढे में हो जाएँ..!

ऐसे ही हम पानी बचाये,

सबको हमेशा वो काम आये..!

आओ बच्चों हम सिख जाये,

पानी को हम कैसे बचाये..!

जब भी हम ब्रश करके जाये,

नल को खुला छोड़ न जाये..!

जितना पानी तुम को लग जाये,

उतना ही पानी तुम लेकर आये..!

सबको तुम यह बतलाये,

पानी को हम कैसे बचाये..!

आओ बच्चों हम सिख जाये,

पानी को हम कैसे बचाये..!

बहते पानी को एक दिशा दिखाये,

पानी जमीन में ही मुरझाये..!

मुरझा पानी दिख ही जाये,

जब तुम घर का कुंवा खुदवाएं..!

कुंवे में पानी जब आये,

हमारे काम वो रोज आये..!

पानी ऐसे ही हम बचाये,

सबके घर में पानी लाये..!

आओ बच्चों हम सिख जाये,

पानी को हम कैसे बचाये..!

पानी बचाओ पर कविता

 

Aao bachchon ham sikh jaye,

Pani ko ham kaise bachaye..!

Jab bhi barish ka mausam aaye,

Gaon-shahar gadhhe banwaye..!

Jab bhi bahut barish ho jaye,

sanchay uska gaddhe me ho jayen..!

Aise hi ham pani bachaye,

Sabko hamesha wo kaam aaye..!

Aao bachchon ham sikh jaye,

Pani ko ham kaise bachaye..!

Jab bhi ham brush karke jaye,

Nal ko khula chhod na jaye..!

Jitna pani tum ko lag jaye,

Utna hi pani tum lekar aaye..!

Sabko tum yeh batlaye,

Pani ko ham kaise bachaye..!

Aao bachchon ham sikh jaye,

Pani ko ham kaise bachaye..!

Bahte pani ko ek disha dikhaye,

Pani jamin me hi murjhaye..!

Murjha pani dikh hi jaye,

Jab tum ghar ka kuwa khudwayen..!

Kunve me pani jab aaye,

Hamare kaam wo roj aaye..!

Pani aise hi ham bachaye,

Sabke ghar me pani laye..!

Aao bachchon ham sikh jaye,

Pani ko ham kaise bachaye..!

Importance of water poem in hindi – पानी का महत्व लो तुम जान

पानी का महत्व लो तुम जान,

पानी बचाना है हमारा काम..!

ब्रश पानी से तुम कर लेते हो,

पानी से ही नहा लेते हो..!

जब पानी हो तब रहेंगे हम साफ़,

पानी को न कर तू बर्बाद .!

बीमारी न रहेगी हमारे आस-पास,

यही तो है पानी की खास बात..!

पानी का महत्व लो तुम जान,

पानी बचाना है हमारा काम..!

पानी से मिट जाये सबकी प्यास,

बड़ा महत्व है ये एक खास..!

खेतों में पानी जब डाले,

अनाज भी हम तभी उपजाते..!

पानी का है महत्व कितना,

बिना पानी अनाज न मिलता..!

भूखे प्यासे हम रह जाते,

बिना पानी के हम मर जाते..!

पानी का महत्व लो तुम जान,

पानी बचाना है हमारा काम..!

धरती सब बंजर बन जाती,

जब पानी की बाढ़ न आती..!

पशु और पक्षी कभी न होते,

जब जंगल और पेड़ न होते..!

पानी पर निर्भर है सब की जान,

पानी का मानो हम सब एहसान..!

पानी का महत्व लो तुम जान,

पानी बचाना है हमारा काम..!

Pani ka mahatva lo tum jaan

Pani ka mahatva lo tum jaan,

Pani bachana hai hamara kaam..!

Brush pani se tum kar lete ho,

Pani se hi naha lete ho..!

Jab pani ho tab rahenge hum saaf,

Pani ko na kar tu barbaad .!

Bimari na rahegi hamare aas-pas,

Yahi to hai pani ki khass baat..!

Pani ka mahatva lo tum jaan,

Pani bachana hai hamara kaam..!

Pani se mit jaye sabki pyaas,

Bada mahatva hai ye ek khass..!

Kheton me pani jab dale,

Anaj bhi ham tabhi upjate..!

Pani ka hai mahatva kitna,

Bina pani anaj na milta..!

Bhukhe pyase ham reh jate,

Bina pani ke ham mar jate..!

Pani ka mahatva lo tum jaan,

Pani bachana hai hamara kaam..!

Dharti sab banjar ban jati,

Jab pani ki baadh na aati..!

Pashu aur pakshi kabhi na hote,

Jab jungle aur ped na hote..!

Pani par nirbhar hai sab ki jaan,

Pani ka mane hum sab Ehsaan..!

Pani ka mahatva lo tum jaan,

Pani bachana hai hamara kaam..!

Short poem on water in hindi – पानी पर छोटी सी कविता

 

जल हूँ मै सबको मेरा काम,

मुझे न भूलो ये रखो ध्यान..!

आँगन के कुंवे में मैं हूँ,

नगर के कुंवे में मैं हूँ..!

गाँव और शहर में मैं हूँ,

नदी नालों में भी मैं हूँ..!

हर तालाबों में भी मैं हूँ,

खेत खलिहान में भी मैं हूँ..!

पेड़ों के अंदर भी मैं हूँ,

ऊपर काले मेघों में भी मैं हूँ,..!

बारिश की बूंदों ने भी मैं हूँ,

ठंडी हवाओं में भी मैं हूँ..!

गरम हवाओं में भी मैं हूँ,

आपके शारीर में भी मैं हूँ..!

सब में मैं ही रहता हूँ,

उसमे ही बहता रहता हूँ,

सबको मैं जल देता हूँ..!

कभी न करो मुझे बर्बाद,

सबको बताता हूँ मैं ये बात..!

जल हूँ मै सबको मेरा काम,

मुझे न भूलो ये रखो ध्यान..!

Short poem on save water save life in hindi

 

Jal hu mai sabko mera kam,

Mujhe na bhulo ye rakho dhyan..!

Angan ke kunve me mai hu,

Nagar ke kunve me mai hu..!

Gaon aur shahar me mai hu,

Nadi nalon me bhi mai hu..!

Har talabon me bhi mai hu,

Khet khalihan me bhi mai hu..!

Pedon ke andar bhi mai hu,

Upar kale meghon me bhi mai hu,..!

Barish ki bundon ne bhi mai hu,

Thandi hawaon me bhi mai hu..!

Garam hawaon me bhi mai hu,

Aapke sharir me bhi mai hu..!

Sab me main hi rahta hu,

Usme hi bahta rehta hu,

Sabko mai jal deta hu..!

Kabhi na karo mujhe barbaad,

Sabko batata hu mai ye baat..!

Jal hu mai sabko mera kam,

Mujhe na bhulo ye rakho dhyan..!

Poem on water in hindi – जल पर बाल कविता

 

पानी का हम उपयोग बताये,

सबको बताये सबको सिखाये..!

पानी का सबको लगे सहारा,

पानी से ही है ये जग सारा..!

पानी से हम रोज नहाएं,

उसके बाद हम स्कूल को जाए..!

पानी तुम्हारी प्यास बुझाए,

स्वच्छ पानी ही पीते जाए..!

पानी से तुम स्वस्थ रहोगे,

बीमारी से तुम दूर रहोगे..!

आँगन में पानी का आना,

आँगन में ही फूल है खिलना जाना..!

खेतों में पानी बहाए,

खेतों को हरा भरा बनाए..!

खेतों में अनाज उगाए,

हम सब का पेट भर जाए..!

सुन्दर सा तालाब बनाए,

हम सब पानी घर ले जाए..!

सुन्दर सब्जी और पकवान बनाए,

उसका सुगंध मन को भाए..!

खाके सब्जी और पकवान,

सो जाये हम कर के जलपान..!

यही है पानी का काम,

सब जीवन रहे खुशहाल..!

पानी का हम उपयोग बताये,

सबको बताये सबको सिखाये..!

Hindi poems on water

 

Pani ka hum upyog bataye,

Sabko bataye sabko sikhaye..!

Pani ka sabko lage sahara,

Pani se hi hai ye jag saara..!

Pani se hum roj nahaye,

Uske baad hum school ko jaye..!

Pani tumhari pyas bujhaye,

Swachh pani hi pite jaye..!

Pani se tum swasth rahoge,

Bimari se tum dur rahoge..!

Angan me pani ka aana,

Angan me hi phool hai khilna jana..!

Kheton me pani bahaye,

Kheton ko hara bhara banaye..!

Kheton me anaj ugaye,

Hum sab ka pet bhar jaye..!

Sundar sa talab banaye,

Ham sab pani ghar le jaye..!

Sundar sabji aur pakwan banaye,

Uska sugandh man ko bhaye..!

Khake sabji aur pakwan,

So jaye ham kar ke jalpaan..!

Yahi hai pani ka kaam,

Sab jivan rahe khushhal..!

Pani ka hum upyog bataye,

Sabko bataye sabko sikhaye..!

Poem on water drops in hindi – पानी की बूंदों पर कविता

 

बूँद बूँद से भरता सागर,

पानी का महत्व तुम करो उजागर..!

मेघों से बारिश जब आये,

पानी के बूंदों से तालाब भर जाये..!

तालाबों में जीवन फल फूल जाये,

उसको जल की रानी मछली कहलाये..!

बूँद बूँद से भरता सागर,

पानी का महत्व तुम करो उजागर..!

जब पानी खेतों में न रह जाये,

खेतों में सूखा पड़ जाये,

तब बारिश की बुँदे आये,

खेतों में हरियाली छाये..!

बूँद बूँद से भरता सागर,

पानी का महत्व तुम करो उजागर..!

घर का पानी खत्म हो जाये,

भूखे प्यासे हम सो जाये..!

जब पानी की एक बूँद मिल जाये,

शरीर में पानी की लहर सी छाये..!

पानी की बुँदे बाढ़ बन जाये,

बूंदों का भी तुम महत्व जाने..!

बूँद बूँद से भरता सागर,

पानी का महत्व तुम करो उजागर..!

Boond boond se bharta sagar

 

Boond boond se bharta sagar,

Pani ka mahatva tum karo ujagar..!

Meghon se barish jab aaye,

Pani ke bundo se talab bhar jaye..!

Talabon me jivan phal phul jaye,

Usko jal ki rani machhali kahlaye..!

Boond boond se bharta sagar,

Pani ka mahatva tum karo ujagar..!

Jab pani kheton me na rah jaye,

Kheton mein sukha pad jaye,

Tab barish ki bunde aaye,

Kheton mein hariyali chhaye..!

Boond boond se bharta sagar,

Pani ka mahatva tum karo ujagar..!

Ghar ka pani khatm ho jaye,

Bhukhe pyase ham so jaye..!

Jab pani ki ek boond mil jaye,

Sharir me pani ki lahar si chhaye..!

Pani ki bunde baddh ban jaye,

Bundo ka bhi tum mahatva jane..!

Boond boond se bharta sagar,

Pani ka mahatva tum karo ujagar..!

जल ही जीवन है कविता 

जल ही जीवन है केहलाता,

सबको हु मै ये बतलाता..!

इंसानों की बात बताऊं,

जल की बर्बादी का राज़ बताऊं..!

जल से प्यास बुझाता हूँ मै,

जल बर्बाद फिर भी करता हूँ मै..!

जल से ही नहाता हूँ मै,

नल खुला छोड़ जाता हूँ मै..!

जल करो न तुम बर्बाद

किसने दिया तुमको ये अधिकार,

जल से ही जीवन है सारा,

जल पे सदा रहे प्यार तुम्हारा..!

जल से खेत अनाज है उगते,

हम सब उसको प्यार से खाते..!

जल के बिना जीना बेहाल,

जल है तो जीवन खुशहाल..!

सब मिल के पानी हम बचाएँ,

जल की कमी होने न पाएँ..!

जल ही जीवन का है आधार,

इसका रखो तुम सदा ही ध्यान..!

जल ही जीवन है केहलाता,

सबको हु मै ये बतलाता..!

Best poem on water in hindi

 

Jal hi jivan hai kehlata,

Sabko hu mai ye batlata..!

Insano ki baat batau,

Jal ki barbadi ka raaz batau..!

Jal se pyas bujhata hu mai,

Jal barbad fir bhi karta hu mai..!

Jal se hi nahata hu mai,

Nal khula chod jata hu mai..!

Jal karo na tum barbaad

Kisne diya tumko ye adhikar,

Jal se hi jivan hai saara,

Jal pe sada rahe pyaar tumhara..!

Jal se khet anaj hai ugate,

Hum sab usko pyar se khate..!

Jal ke bina jina behal,

Jal hai to jeevan khushhal..!

Sab mil ke pani hum bachayen,

Jal ki kami hone na payen..!

Jal hi jivan ka hai aadhar,

Iska rakho tum sada hi dhyan..!

Jal hi jivan hai kehlata,

Sabko hu mai ye batlata..!

Last Words:

Hindi poems on water ये कविता आप सभी ने जरुर पढ़ी होंगी ये उम्मीद करता हु और साथ में छोटे बच्चों को अगर अच्छी लगी हो तो मेरे लिए इससे बड़ी बात हो नहीं सकती |

जैसे की इस कविता को बड़े के साथ साथ class 1,2,3,5,6,7 और 8 के छोटे बच्चे भी पढ़ सकते है |

और सभी को कैसी लगी मेरी कविताएं ये जरुर बताइए.

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